
नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर मचा राजनीतिक बवाल अब एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। गुरुवार को हुए मतदान के दौरान कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेताओं और दबंगों ने उसके समर्थन वाले पांच जिला पंचायत सदस्यों को हथियार दिखाकर अगवा कर लिया। इस आरोप के बाद माहौल गरमा गया और दो दिन तक सियासी तनातनी बनी रही। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस कार्यकर्ता हल्द्वानी में एसएसपी दफ्तर के बाहर धरना देने पहुंचे।
शुक्रवार देर शाम लापता बताए जा रहे इन पांचों सदस्यों का बयान सामने आया। उन्होंने साफ कहा कि उनका किसी ने अपहरण नहीं किया है। उनका कहना है कि उन्हें अपने कथित अपहरण की खबर मीडिया और सोशल मीडिया से मिली लेकिन यह पूरी तरह गलत है। उन्होंने बताया कि वे अपनी मर्जी से घूमने गए हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं। साथ ही भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही सबके सामने होंगे और किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
यह विवाद 14 अगस्त को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान भड़का था जब मतदान के बीच जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने एक-दूसरे पर सदस्यों को गायब कराने का आरोप लगाया। कांग्रेस इस मामले को नैनीताल हाईकोर्ट लेकर गई जहां चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए सोमवार को सुनवाई की तारीख तय की गई। उधर जिलाधिकारी का कहना है कि मतदान और मतगणना पूरी हो चुकी है लेकिन नतीजे कोर्ट के आदेश के बाद ही घोषित किए जाएंगे।