
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने मराठी के नाम पर हिंदी बोलने वाले या दूसरी भाषा बोलने वालों के साथ मारपीट को लेकर सख्त स्टैंड लिया है। उन्होंने कहा है कि मराठी के नाम पर गुंडागर्दी नहीं चलेगी। फड़नवीस ने शुक्रवार को कहा कि मराठी के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा लेकिन मराठी के नाम पर किसी को गुंडागर्दी नहीं करने दिया जाएगा। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के ठाणे में मराठी में बात न करने पर एक दुकानदार से मारपीट हुई थी। इस सिलसिले में शुक्रवार को राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, मनसे के सात कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने 30 जून को हुई इस घटना को लेकर शुक्रवार को कहा कि मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘मराठी का सम्मान होना चाहिए, पर मराठी के नाम पर गुंडागर्दी बरदाश्त नहीं करेंगे’। इससे पहले आरोपियों को गुरुवार शाम हिरासत लिया गया था, लेकिन कुछ देर बाद जमानत दे दी गई थी। आरोपियों पर जमानती धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इन धाराओं में सीधे गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। जिस वजह से पुलिस ने इन्हें छोड़ दिया था।
गौरतलब है कि राज्य में कई संगठन और राजनीतिक दलों ने हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध किया। इसकी वजह से राज्य सरकार ने 22 अप्रैल को हिंदी अनिवार्य करने का अपना फैसला वापस ले लिया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों, एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा था कि छात्र तीसरी भाषा अपने मन से चुन सकेंगे। हिंदी अनिवार्य नहीं होगी। उद्धव और राज ठाकरे ने हिंदी अनिवार्य करने के फैसले के खिलाफ साझा विरोध रैली का ऐलान किया था। फैसला वापस होने के बाद दोनों ने पांच जुलाई को विजय रैली करने का ऐलान किया।